माता-पिता से बच्चे में ट्रांसफर होती हैं ये खतरनाक बीमारी, जानिए इसके लक्षण और बचाव के उपाय

दुनियाभर में कई बीमारियां बढ़ती जा रही है इसमें ही आज दुनियाभर में सिकल सेल नामक बीमारी के प्रति जागरूकता दर्शाने के लिए विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन हर साल 19 जून को मनाया जाता है जो इस दुर्लभ बीमारी के खतरे को दुनिया से परिचय कराता है। सिकल सेल एनीमिया बीमारी एक तरह का जेनेटिक डिसॉर्डर होता है जो माता-पिता से बच्चे को होता है। चलिए अच्छी तरह से जानते है इस बीमारी को…
पहले जानिए सिकल सेल बीमारी के बारे में
यहां पर सिकल सेल एक तरह का जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर होता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) को प्रभावित करता है। इस बीमारी में पीड़ित की आरबीसी कम हो जाती है। आरबीसी की कमी से व्यक्ति को ऑक्सीजन सही तरीके से नहीं मिल पाती है। यह बीमारी जेनेटिक कारणों से ही देखने को मिलती है। इसमें रेड ब्लड सेल्स की शेप बिगड़ जाती है और शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन भी नहीं मिल पाता है, क्योंकि हीमोग्लोबिन में असामान्य (एचबी) चेन बन जाती है। इसके चलते वजह से सिकल सेल एनीमिया, सिकल सेल थैलेसीमिया जैसी कई बीमारियां आपको अपनी चपेट में ले लेती हैं। इस बीमारी के लक्षण जानकर तुरंत इलाज करना चाहिए।
जान लीजिए सिकल सेल बीमारी के लक्षण
आपको बताते चलें कि, यहां पर आप सिकल सेल बीमारी के लक्षण जान सकते हैं जो आपके लिए बीमारी की पहचान करने के लिए जरूरी होते है…
- हड्डियों-मांसपेशियों का दर्द
- हाथ-पैरों में सूजन
- थकान और कमजोरी
- एनीमिया के कारण पीलापन
- किडनी की समस्याएं
- बच्चों के विकास में बाधा
- आंखों से जुड़ी दिक्कतें
- इन्फेक्शन की चपेट में आना
बीमारी में यह बचाव या सावधानी बरतना जरूरी
अगर सिकल सेल बीमारी के लक्षणों में से कोई आपको या किसी अन्य व्यक्ति को नजर आ रहा है तो इसके लिए तुरंत इलाज शुरू करना चाहिए। दरअसल इस बीमारी के शुरू होने का कारण आनुवांशिक कारण होते है। यहां पर माता-पिता या दोनों में से कोई एक सिकल सेल बीमारी से पीड़ित है तो उसकी वजह से बच्चे को यह बीमारी हो जाती है।इस बीमारी के जीन के एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर होने की बड़ी आशंका रहती है। इसलिए बचाव के लिए जरूरी यह है कि शादी से पहले आप अनुवांशिक परामर्श जरूर लें।
कैसे होता है सिकल सेल बीमारी का इलाज
यहां सिकल सेल बीमारी का इलाज थोड़ा आसान होता है। यह व्यक्ति की बीमारी या इम्यूनिटी लेवल पर बेस्ड होता है। जितना यह बीमारी आनुवांशिक कारणों से ज्यादा होती है वहीं पर इस बीमारी में शरीर के हर हिस्से को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है, तो इससे होने वाले भयंकर दर्द को दूर करने के लिए हाइड्रोक्सी यूरिया का सहारा लिया जाता है। सिकल सेल बीमारी के लिए फिलहाल जीन थेरेपी के जरिए लड़ने की जानकारी मिली है। गंभीर लक्षण में इस थेरेपी का काम कारगर रहेगा।