
नई दिल्ली: पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojana) की 20वीं किस्त जून के आखिरी हफ्ते या जुलाई की शुरुआत में आपके खाते में आ सकती है। हालांकि, इस बार सरकार ने साफ तौर पर यह कहा है कि जिन किसानों ने आधार e-KYC नहीं की है, उनके खाते में किस्त के पैसे नहीं आएंगे। ऐस में हम आपको छह स्टेप्स बताने जा रहे हैं, जिसके जरिए आप घर बैठे अपना ई-केवाईसी कर सकते हैं।

सबसे पहले आप यह जान लें कि ई-केवाईसी क्यों जरूरी है? दरअसल, सरकार का मकसद है कि असली और पात्र किसानों को इस योजना का लाभ मिले। बढ़ते फर्जीवाड़े को देखते हुए सरकार ने आधार e-KYC को अनिवार्य कर दिया है। बिना ई-केवाईसी के आपका नाम पात्र किसानों के लिस्ट से हटाया जा सकता है और किस्त का पैसा भी अटक सकता है।
इन 5 स्टेप्स के जरिए घर बैठे कर सकते हैं ई-केवाईसी
- पीएम किसान की वेबसाइट (pmkisan.gov.in) या मोबाइल ऐप खोलें।
- यहां आपको ‘e-KYC’ का ऑप्शन दिखेगा, जहां पर क्लिक करें।
- इसके बाद आप अपना आधार नंबर इंटर करें।
- आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर आए OTP को डालें।
- वेरिफिकेशन होती ही आपकी ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
अगर मोबाइल से नहीं हुआ तो
- अगर मोबाइल से यह नहीं हो रहा, तो नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर या राज्य सेवा केंद्र से संपर्क करें।
- यहां आप फिंगरप्रिंट से ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
- ई-केवाईसी होती ही 24 घंटे में स्टेटस अपडेट हो जाएगा।
24 फरवरी को जारी हुई थी 19वीं किस्त
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी को पीएम-किसान योजना की 19वीं किस्त जारी की थी। इसके तहत 9.8 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 22,000 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई थी। जिसमें 2.41 करोड़ महिला किसान शामिल थीं। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अक्टूबर 2024 को महाराष्ट्र के वाशिम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 18वीं किस्त जारी की थी। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में देश भर के 9.4 करोड़ से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय लाभ प्राप्त हुआ, जिसकी राशि 20,000 करोड़ रूपये से अधिक थी।
पीएम किसान योजना कब शुरू हुआ?
पीएम-किसान एक केंद्रीय योजना है जिसे माननीय प्रधानमंत्री ने फरवरी 2019 में भूमिधारक किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शुरू किया था। इस योजना के अंतर्गत किसानों के आधार से जुड़े बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000/- रुपये का आर्थिक लाभ ट्रांसफर किया जाता है।