20 महीने के निचले स्तर पर थोक महंगाई, फूड और फ्यूल की कम कीमतों का असर

भारत की थोक महंगाई जून में सालाना आधार पर घटकर 0.13% रह गई, जो अक्टूबर 2023 के बाद से दर्ज की गई सबसे कम दर है। मई में यह 14 महीने के निचले स्तर 0.39% पर आ गई थी। थोक महंगाई में 60% से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति इस महीने 1.97% रही। प्राथमिक वस्तुओं की मुद्रास्फीति दर जून में घटकर 3.38% रह गई, जबकि मई में यह 2.02% थी। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी मिली। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति मई में 0.39 प्रतिशत और जून 2024 में 3.43 प्रतिशत रही थी।
सरकार ने क्या कहा?
उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ जून 2025 में मुद्रास्फीति में कमी की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, खनिज तेलों, मूल धातुओं के विनिर्माण, कच्चे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस आदि की कीमतों में नरमी रही।’’ थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, जून में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 3.75 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि इसमें मई में 1.56 प्रतिशत की गिरावट आई थी। सब्जियों की कीमतों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई। जून में सब्जियों की कीमतों में 22.65 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि मई में यह 21.62 प्रतिशत थी।
विनिर्मित उत्पादों के मामले में मुद्रास्फीति 1.97 प्रतिशत रही, जबकि मई में यह 2.04 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली में जून में यह 2.65 प्रतिशत रही जो मई में 2.27 प्रतिशत रही थी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्यतः खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। खुदरा मुद्रास्फीति के जून के आंकड़े आज दिन में जारी किए जाएंगे। आरबीआई ने मुद्रास्फीति में नरमी के बीच पिछले महीने नीतिगत ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की भारी कटौती करके उसे 5.50 प्रतिशत कर दिया था।