धर्म-अध्यात्म

क्यों बैलों का त्योहार महाराष्ट्र में माना जाता इतना हैं खास, जानिए परंपरा से लेकर सबकुछ

हिंदू धर्म में हर व्रत और त्योहार का महत्व होता है। इसमें ही बैल पोला आने वाले दिन भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि यानि 23 अगस्त को मनाया जाएगा। यह त्योहार महाराष्ट्र का प्रमुख त्योहार होता है तो इसे छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के ग्रामीण इलाकों में भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार किसानों का बैलों औऱ गायों के बीच का जो संबंध है उसे व्यक्त करता है। इस त्योहार का खासियत औऱ परंपराएं काफी पुरानी है जिसे आज भी नए दौर में उत्साह के साथ मनाया जाता है।

बैल पोला का त्योहार सबसे खास त्योहार में से एक है। इस पोला के दिन बैलों को विशेष रूप से सजाया जाता है। इस मौके पर उनके सींगों को रंगा जाता है, और उन पर गुब्बारे बाँधे जाते हैं।बैलों के पैरों में चूड़ियाँ और गले में घंटियाँ पहनाई जाती हैं, जिससे उनकी सजावट और भी आकर्षक हो जाती है। बताया जाता है कि, बैलों को नहलाकर उन्हें पूरे गाँव में घुमाया जाता है, और इस दौरान उनका जुलूस निकाला जाता है।

यहां पर बैल पोला से जुड़ी पौराणिक कथा का उल्लेख मिलता है। इस कथा के अनुसार, ‘भगवान श्रीकृष्ण जब गोकुल में रहते थे तो उन्हें मारने के लिए एक दिन कंस ने एक भयानक राक्षस को भेजा। उस राक्षस का नाम पोलासुर था। श्रीकृष्ण को मारने के लिए पोलासुर ने बैल का रूप ले लिया और पशुओं के बीच में जाकर छिप गया। लेकिन कान्हा ने उस राक्षस को पहचान लिया और मौका मिलते ही उसका वध कर दिया। तभी से बैल पोला का पर्व मनाया जा रहा है।

यहां पर बैल पोला को किसान और बैल के बीच के संबंध के रूप में जाना जाता है। किसान का सबसे अच्छा साथी बैल होता है जिसके लिए किसान उपवास रखते है। बैलों को विशेष भोजन, जैसे पूरनपोली, खिलाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। इसके अलावा बैल पूजा के बाद ही किसान अपना उपवास तोड़ते हैं। इस तरह से त्योहार बैल पोला न केवल बैलों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है, बल्कि यह त्योहार किसान और उसके बैल के बीच के गहरे संबंध का प्रतीक भी है। इस दिन बैलों को खास तौर पर बनाई गई बाजरे की खिचड़ी खिलाई जाती है।

किसान एक स्थान पर इकट्ठा होते हैं और बैलों का जुलूस निकालते हैं। इस दिन घरों में खान व्यंजन बनाने की परंपरा भी है। मीठे व्यंजन में गुड़ के ठठेरे बनाए जाते है जो बैल को भोग में दिए जाते है। कृषि के लिए बैल का होना सबसे जरुरी है।

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