छत्तीसगढ़

भगवान झूलेलाल साईं जी का चालिया महोत्सव के समापन मे बहराणा साहेब और भव्य कलश यात्रा निकली गई

पुज्य सिन्धी पंचायत राम के मीडिया प्रभारी विक्की पंजवानी ने बताया की 56 फिट झूलेलाल की मूर्ति के प्रांगण से कलश यात्रा कि शोभा यात्रा चक्कर भाटा के लाल साई जी के द्वारा निकाली गई जो न्यूज़ राजेन्द्र नगर से होते हुए फुट पार्क चौपाटी में फुट पार्क के मालिक नितिन जसवानी और सिंधी पंचायत राम के मुखी गिरीश लहेजा द्वारा लाल साई व कलश यात्रा व 251 बहराणा साहेब शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया जिसके पश्चात श्रीं झूलेलाल सांई जी के श्रीमुख से भगवान झूलेलाल कि अमृत कथा हुई जिसमे भगवान झूलेलाल साईं जी को झूलेलाल को ‘झूलेलाल’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनके जन्म के समय वह अपने आप ही झूले पर झूलने लगे थे, जिससे उनका नाम झूलेलाल पड़ गया. *चालिया महोत्सव का पर्व क्यों मनाया जाता हैँ* झूलेलाल साईं जी का ‘चलिआ’ (चालीहा) एक 40-दिवसीय त्योहार है, जिसे सिंधी हिंदू भगवान झूलेलाल के प्रति आभार व्यक्त करने और उनके चमत्कारों को याद करने के लिए मनाते हैं। यह त्योहार भगवान वरुण के अवतार माने जाने वाले झूलेलाल जी की 40 दिनों तक व्रत रखकर पूजा करने से जुड़ा है, जिन्होंने अत्याचारी शासक से मुक्ति दिलाई थी। इस दौरान अखंड ज्योति प्रज्वलित कर उनकी आराधना की जाती है, और यह उनकी कृपा से समाज की खुशहाली के लिए भी मनाया जाता हैभगवान झूलेलाल साईं जी के अनेको नाम है जैसेझूलेलाल साईं जी का नाम उदेरोलाल था, जिसे अमरलाल, दरियालाल, और लाल साईं जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है। उनका जन्म नसरपुर नगर में हुआ था, और बाद में उन्हें झूलेलाल के नाम से जाना जाने लगा, भगवान झूलेलाल की पूजा सिंधी समुदाय के लोग देश विदेश मे मुख्य रूप से करते हैं, क्योंकि उन्हें जल देवता और ‘वरुण देव’ का अवतार माना जाता है। झूलेलाल को ‘इष्ट देव’ के रूप में भी पूजा जाता है

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