छत्तीसगढ़

कमीशनखोरी के चलते सीमेंट कंपनियां रेट नहीं घटा रहीं हैं- आम आदमी पार्टी

रायपुर । आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू ने केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी दरों में कमी और उसकी वास्तविकता पर बयान देते हुए कहा है कि सरकार जी एस टी रिफॉर्म की बात कह उत्सव मना रही है सरकार का दावा था कि 22 सितम्बर से देशभर जीएसटी की नई घटी दरें लागू हो जाएंगी किन्तु वास्तविकता इससे परे है। अभी भी खुदरा दुकानदार पुराना स्टॉक का बहाना लोगों से बनाकर वही पुरानी दरें वसूल रहें हैं उनकी दलील है की अभी हमारे पास पुराना स्टॉक है नये स्टॉक में दाम कम होंगे। जाहिर है सरकार पूरी तरह 22 सितम्बर से घटी दरें लागू करने में नाकाम रही है।

प्रदेश महासचिव (मीडिया, सोशल मीडिया प्रभारी, मुख्य प्रवक्ता) सूरज उपाध्याय ने कहा कि आज भी जनता महंगे सामान खरीदने में मजबूर हैं।निर्माताओं जैसे सीमेंट, सरिया आदि कंपनियों ने भी अपनी दरें अभी तक कम नहीं की हैं। जीएसटी दर कम होने के बावजूद और बरसात में प्राइवेट निर्माण और सरकारी निर्माण बंद हो जाने पर भी सीमेंट कंपनियों ने 50 से 60 रुपए बोरी सीमेंट कंपनियों के रेट बढ़ाया है जबकि बरसात में खपत कम होती है। इसका साफ मतलब है कि बड़े हुए रेट का पैसा सरकार के खाते में जा रहा है! और कंपनियों के साथ बड़ा कमीशनखोरी का खेल चल रहा है। और सरकार उन्हें नियंत्रित करने में नाकाम रही है।

प्रदेश संगठन महासचिव उत्तम जायसवाल ने कहा कि पिछले 8 साल में लगभग 127 लाख करोड़ जनता की जेब से लूटकर मात्र 2 लाख करोड़ की बचत का ढिंढोरा पीटा जा रहा है.जीएसटी रिफॉर्म के बाद स्पष्ट हो गया है कि मोदी सरकार ने अनियमित जीएसटी लगाकर गरीब जनता ,मध्यम वर्गीय परिवार, किसानों, आम जनता की बचत को 8 सालों में सरकार ने लूटा है, इससे सभी वर्गों की आर्थिक हालत खराब हुई है। प्रदेश अध्यक्ष नंदन सिंह और प्रदेश मीडिया प्रभारी मिहिर कुर्मी ने संयुक्त रूप से कहा कि देश में खाद्यान्न सामग्री आवश्यक वस्तुओं के कीमतें कृषि यंत्रों पुस्तक, कॉपी, दवाईयां, एवं ऑटोमोबाइल व अन्य जरूरी सामानों के कीमतों के लिए मोदी सरकार के द्वारा मनमानी तरीके से थोपी गई जीएसटी कारण था। छोटे उद्योग, स्वदेशी उत्पादक, एमएसएमई बर्बाद हो गये, बरोजगारी और महंगाई बेतहाशा बढ़ गई। प्रदेश उपाध्यक्ष दुर्गा झा और प्रदेश अध्यक्ष (महिला विंग ) मिथिलेश बघेल ने संयुक्त रूप से कहा कि जीएसटी रिफॉर्म के बाद आज खुद सरकार स्वीकार कर रही है कि महंगाई जीएसटी के अनियंत्रित स्लैबों के कारण था। जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ा है ऐसे में जीएसटी के कारण जो आम जनता को आर्थिक नुकसान हुआ है उसकी भरपाई कैसे होगी और इसकी जिम्मेदार क्या मोदी सरकार नहीं है? प्रदेश सचिव संतोष कुशवाहा, प्रदेश सचिव अनुषा जोसेफ और प्रदेश संयुक्त सचिव एमएम हैदरी ने संयुक्त रूप से कहा कि जीएसटी रिफॉर्म में भी गोलमाल आज भी जीएसटी की दो नहीं बल्कि 6 स्लैब है। पुस्तक से 5 प्रतिशत जीएसटी हटाया गया है लेकिन पुस्तक जिस पेपर पर छपता है उस पेपर पर 18 पर्सेंट जीएसटी लगा दिया गया है, जो पहले 12 प्रतिशत के स्लैब में था। 2500 से अधिक मूल्य के रेडीमेड गारमेंट और फूटवियर जो पहले 12 प्रतिशत में था उसमें भी 6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करके 18 प्रतिशत के स्लैब में ला दिया गया है। रायपुर लोकसभा अध्यक्ष अज़ीम खान, रायपुर लोकसभा संगठन मंत्री सागर क्षीरसागर और प्रदेश अध्यक्ष (यूथ विंग ) इमरान खान ने संयुक्त रूप से कहा कि यही नहीं 40 वस्तुओ पर जीएसटी की दरे बढ़ाई गई है। 19 वस्तुओं को 12 प्रतिशत से बढ़ा कर 18 प्रतिशत तथा 17 वस्तुओं पर 28 से बढ़ाकर 40 प्रतिशत के भारी भरकम स्लैब में रखा गया है, अभी भी 35 से अधिक कृषि उत्पाद जीएसटी के दायरे में है, कफन पर भी यह सरकार बेरहमी से जीएसटी वसूल रही है।

रायपुर जिला शहर अध्यक्ष पुनारद निषाद और रायपुर जिला ग्रामीण अध्यक्ष मोहन चक्रधारी ने संयुक्त रूप से कहा कि जीएसटी रिफॉर्म के पहले कई बड़ी कंपनियों ने अपने उत्पाद के दाम में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि किया है ऐसे में जीएसटी रिफॉर्म से महंगाई कम होगा यह जनता को गुमराह करने वाला है। केंद्र सरकार को जीएसटी रिफॉर्म का पारदर्शी तरीके से लाभ आम जनता को मिले यह सुनिश्चित करना चाहिए।

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