5 P’ के साथ करें स्वस्थ जीवनशैली की शुरुआत

स्वस्थ और लंबे जीवन के लिए स्वच्छ खानपान और भरपूर नींद के साथ एक्ससाइज करना बेहद जरूरी माना जाता है। मौजूदा समय में मोटापा दुनिया की गंभीर समस्या बनता जा रहा है जिसका कारण व्यक्ति की अनियमित जीवनशैली और अनहेल्दी खानपान है। मोटापा की समस्या से निपटने के लिए अब भारत में भी नई पहल की शुरुआत होने लगी है।
मोटापे को कम करने के लिए भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने अपनी डाइट में “5 पी” का फार्मूला अपनाने की बात कही है। इस फार्मूला को अगर आप नियमित तौर पर अपनाते हैं तो किसी प्रकार का वजन आपका नहीं बढ़ता है। यह नई पहल न केवल सुरक्षित भोजन को बढ़ावा देती है, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने के लिए प्रेरित करती है। चलिए जान लेते हैं इन 5P का मतलब।
पहले जानिए किन चीजों से मिलकर बना है 5 पी
यहां पर 5 पी के कॉन्सेप्ट को समझें तो, इसमें FSSAI द्वारा तैयार किया गया है जो मोटापे से निपटने का दावा करता है। इस 5 पी के कॉन्सेप्ट में आप आहार में ताजे फल, सब्जियां और पर्याप्त पानी को शामिल कर सकते है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए शरीर को आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति और हाइड्रेटशन मिलता है।
यहां पर जानिए 5पी का पूरा मतलब
आप यहां पर मोटापे की समस्या से जूझ रही है तो आपको 5पी के सिद्धांत को अपनाना चाहिए जो आपके लिए फायदेमंद होता है…
1- ‘5 पी’ में पहले ‘पी’ का मतलब Plenty of fruits vegetables and water
जैसा कि नाम से स्पष्ट है आप अपनी डाइट में फलों, सब्जियों और पानी को पर्याप्त मात्रा में रखें। इसके लिए आपको भरपूर मात्रा में पानी पीना है तो वहीं पर ताजी सब्जियां औऱ फल डाइट में रोजाना शामिल होने चाहिए। यह न केवल पोषण देता है, बल्कि मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने और शरीर को हाइड्रेट रखता है।
2-दूसरा ‘पी’ का यहां मतलब Pick Healthy Fat
आप अपनी डाइट में गुड फैट को शामिल कर सकते है। यह आपके शरीर की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है तो वहीं पर दिल की बीमारियों, कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बनाएं रखता है। शरीर में मोटापे को कम करने के लिए आपको अपनी डाइट में मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट को शामिल करना चाहिए। इन फैट की पूर्ति नट्स, सीड्स या ऑलिव ऑयल से होती है।
3-तीसरा ‘पी’ है- ‘ -Power your plate with balanced nutrition
आप अपनी डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर ही खाना रखें इसमें आप प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फैट को बैलेंस कर सकती है। इसमें शामिल प्रोटीन की बात की जाए तो, यह अहम पोषक तत्व से भरपूर होता है वहीं पर मांसपेशियों को मजबूत रखने के लिए जरूरी है, कार्बोहाइड्रेट से हमें दैनिक कार्यों को करने की ऊर्जा मिलती है। इसे एनर्जी का बूस्टर कहते हैं जो बॉडी को भूमिका बनाता है।
4-चौथा ‘पी’ है- ‘Plan meal time mindfully’
यहां पर खाने के अलावा खाने के समय पर भी ध्यान देना जरूरी होता है। आप रोजाना एक समय पर खाना खाएंगे तो आपके लिए बेहतर होगा इसके लिए आप सुबह औऱ रात के खाने के समय में गैप होना चाहिए। दो मील के बीच में कम से कम चार घंटे का गैप रखने की सलाह कई विशेषज्ञ देते हैं. इससे शरीर को भोजन पचाने में पर्याप्त समय मिल जाता है, जो बेहतर पाचन में अहम भूमिका अदा करता है. इसलिए बार-बार बेवजह कुछ ना कुछ खाने की आदत से छुटकारा पाना चाहिए।आयुर्वेद के अनुसार भोजन को चबा-चबाकर खाना चाहिए. भोजन करते समय पानी न पीएं. हालांकि आप भोजन करने के आधा घंटा पहले पहले और बाद में पानी पी सकते हैं।
5-पांचवां ‘पी’ है- ‘Pay attention to portions and food choices’
आप जो डाइट ले रहे है इसकी मात्रा और चयन पर ध्यान देना जरूरी होता है। यहां पर आप संतुलित मात्रा में भोजन करें तो वहीं पर जंक फूड का सेवन करने से बचें।जंक फूड का ज्यादा सेवन करने से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।