धर्म-अध्यात्म

यहां जानिए हरियाली तीज की तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि भी नोट कर लें

सावन हिंदू धर्म में सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण महीना माना जाता है, जो भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। इस पवित्र महीने के दौरान कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें से एक है हरियाली तीज। इस साल हरियाली तीज का पावन पर्व 26 जुलाई को रखा जाएगा।

आपको बता दें, अखंड सौभाग्य का प्रतीक हरियाली तीज का पावन पर्व हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है।

ऐसे करें हरियाली तीज पर गोरी शंकर की पूजा

  • इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
  • सोलह शृंगार करें और लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
  • पूजा सामग्री इकट्ठा करें।
  • घर के मंदिर में या पूजा स्थल पर एक वेदी स्थापित करें।
  • उस पर पीला या लाल वस्त्र बिछाएं।
  • भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
  • हाथ में जल और पुष्प लेकर व्रत का संकल्प लें।
  • उन्हें जल से स्नान कराएं।
  • वस्त्र अर्पित करें।
  • धूप-दीप जलाएं।
  • उन्हें चंदन, रोली, अक्षत, फूल आदि चढ़ाएं।
  • माता पार्वती को सोलह शृंगार की सामग्री अर्पित करें।
  • हरियाली तीज की व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
  • कथा के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।
  • पूजा के बाद प्रसाद चढ़ाएं और उसे परिवार के सदस्यों में बांटें।
  • रात में चंद्र दर्शन के बाद व्रत का पारण करें।

इस दिन महिलाएं पूजा-अर्चना और व्रत करती हैं। फिर शिव-पार्वती से अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इस साल हरियाली तीज की डेट को लेकर लोगों में थोड़ी कन्फ्यूजन है, तो आइए इस खबर में इसकी सही डेट जानते हैं।

कब है? हरियाली तीज 2025

आपको बता दें, हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 26 जुलाई को रात 10 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, अगले दिन यानी 27 जुलाई को रात 10 बजकर 41 मिनट पर इसका समापन होगा। पंचांग को देखते हुए इस साल हरियाली तीज का व्रत 26 जुलाई को रखा जाएगा।

ये है हरियाली तीज 2025 पूजन सामग्री की पूरी लिस्ट

भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा, वेदी, धूप, दीप, अगरबत्ती, चंदन, रोली, अक्षत, फूल, बिल्व पत्र, धतूरा, शमी के पत्ते, फल, मिठाई, सूखे मेवे, घी, गंगाजल, पंचामृत, नया वस्त्र, मेहंदी, चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी, आलता और अन्य शृंगार का सामान आदि।

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