
भारत की केंद्र सरकार की ओर से प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए पीएफ स्कीम की शुरुआत की गई है। इस स्कीम में कई सरकारी कर्मचारी भी इंवेस्ट कर सकते हैं।
हालांकि ईपीएफओ की ओर से इस स्कीम को खास तौर पर प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले एम्पॉलयी के लिए ही डिजाइन किया गया है। इस स्कीम में कर्मचारी की सैलरी का 12 फीसदी योगदान पीएफ स्कीम में जमा हो जाता है और उतना फीसदी पैसा कंपनी की ओर से भी जमा होता है। आइए आपको बताते हैं कि यदि आपकी सैलरी 50,000 रुपये है, तो कैसे इस स्कीम से आप इसे 5 करोड़ का फंड बना सकते हैं?
ईपीएफओ की ओर से पीएफ स्कीम को प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के बुढ़ापे के लिए डिजाइन किया गया है। इस स्कीम में फंड में एम्पॉलयी की सैलरी से कट जाता है, जिसमें 12 फीसदी योगदान कर्मचारी की सैलरी से डिडक्ट होता है और उतना ही फंड कंपनी की ओर से भी पीएफ अकाउंट में डिपॉजिट होता है। इसमें ब्याज की दर ईपीएफओ की ओर से तय की जाती है।
पीएफ पर मिलेगा वाला ब्याज
ईपीएफओ की ओर से पीएफ पर ब्याज दर को रिवाइज कर दिया गया है। पहले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ओर से पीएफ पर सालाना 8.15 प्रतिशत का ब्याज ऑफर किया जाता था, जिसे अब ईपीएफओ के द्वारा बढ़ाकर 8.25 फीसदी कर दिया गया है।
ऐसे होता है कैलकुलेशन
यदि आप किसी ऐसी कंपनी में काम करते हैं, जहां पर 20 से ज्यादा एम्पॉलयी हैं, तो सरकार के नियमों के अनुसार, वो कंपनी पीएफ फंड में इंवेस्ट करेगी। अब मान कर चलिए कि आपकी महीने की बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है और आप 30 साल की आयु में काम करना शुरू करते हैं, तो ईपीएफओ के नियम के अनुसार, कंपनी आपकी सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा पीएफ अकाउंट में योगदान देगी और इसे खुद जमा करेगी। इसके साथ ही, सैलरी में सालाना 10 फीसदी की बढ़त भी की गई, तो 8.25 फीसदी की ब्याज दर के अनुसार से रिटायरमेंट के बाद यानी 58 साल की उम्र के बाद आपके पास 5 करोड़ से ज्यादा रुपये जमा हो जाएंगे। आपके टोटल फंड की अमाउंट 5,13,74,057 रुपये होगी।