शराब घोटाले में 29 आबकारी अधिकारियों की गिरफ्तारी तय, हाई कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 3200 करोड़ शराब घोटाले के मामले में फंसे आबकारी अधिकारियों को हाईकोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है। दरअसल इसमें कई अधिकारी शामिल हैं। जस्टिस अरविंद वर्मा ने इस केस में कहा कि कितने बड़े कैसे में आरोपियों को संरक्षण नहीं दिया जा सकता। इस फैसले आने के बाद अफसरों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
हाई कोर्ट ने आरोपियों को सरेंडर करने के बाद जमानत याचिका लगाने के लिए कहा है। जिसके बाद आबकारी अधिकारियों की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। दरअसल आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात, आबकारी अधिकारियों के खिलाफ कई धाराओं में केस फाइल किया है। वहीं ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया है कि, विभागीय मिली भगत से ओवर बिलिंग, नकली बारकोड के साथ डमी कंपनियों के जरिए अवैध वसूली की गई है।
आबकारी अफसरों को हाई कोर्ट ने इस केस में पेश किया गए चालान के बाद 20 अगस्त तक मौजूद रहने का आदेश दिया था। इस फैसले के बाद अफसर ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिकाएं लगाई थीं। बता दें कि छत्तीसगढ़ में हजार करोड़ रुपए के घोटाले में तकरीबन 29 आबकारी अधिकारियों के नाम आए हैं। जिसके पास उन पर कैसे चलाया गया।
अपनी अग्रिम जमानत याचिका में आरोपीय अधिकारियों ने बताया कि वे सभी निर्दोष हैं, उन्हें झूठे केस में फंसाया जा रहा है। सभी अफसर ईओडब्ल्यू की जांच में जरूरी सहयोग दे रहे हैं।