छत्तीसगढ़

संवेदनशील प्रशासन की मिसाल, दिवंगत कोटवार भूधरदास की पत्नी बासन बाई को सिर्फ 20 दिनों में मिली कोटवारी की जिम्मेदारी

रायपुर। मानवीय संवेदनशीलता और त्वरित निर्णय का एक अनुकरणीय उदाहरण कबीरधाम जिले के सहसपुर लोहारा तहसील में देखने को मिला। ग्राम दनियाखुर्द (बनिया) के कोटवार स्व. भूधरदास के आकस्मिक निधन के बाद जब ग्रामवासियों में गहरा शोक व्याप्त था, तब जिला प्रशासन ने दिवंगत के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए मात्र 20 दिनों के भीतर उनकी धर्मपत्नी श्रीमती बासन बाई को कोटवारी की जिम्मेदारी सौंप दी।स्व. भूधरदास वर्षों तक ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण भाव से ग्राम में कोटवार के रूप में कार्यरत रहे। उनके निधन के पश्चात श्रीमती बासन बाई ने कोटवारी की जिम्मेदारी ग्रहण करने करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। आवेदन प्राप्त होते ही प्रशासन ने तत्परता और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए रिकॉर्ड समय में संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण की। एसडीएम सहसपुर लोहारा के मार्गदर्शन में कार्यवाही प्रारंभ की गई और नायब तहसीलदार के नेतृत्व में कोटवार नियुक्ति की संपूर्ण प्रक्रिया मात्र 20 दिनों में पूर्ण कर ली गई। इसके बाद एसडीएम सहसपुर लोहारा ने श्रीमती बासन बाई को ग्राम दनियाखुर्द (बनिया) की नई कोटवार के रूप में नियुक्ति पत्र प्रदान किया।इस अवसर पर एसडीएम ने नवनियुक्त कोटवार श्रीमती बासन बाई को निष्ठा और ईमानदारी तथा जनसेवा की भावना से कार्य निर्वहन करने की शुभकामनाएँ दीं। ग्रामवासियों ने जिला प्रशासन के इस त्वरित निर्णय की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह कदम प्रशासन की मानवता-प्रधान कार्यशैली का सजीव उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल भूधरदास के परिवार को संबल मिला है, बल्कि प्रशासन के प्रति ग्रामीणों का विश्वास भी और अधिक मजबूत हुआ है। इस अवसर पर तहसील कोटवार संघ सहसपुर लोहारा के अध्यक्ष श्री सरोज दास मानिकपुरी सहित समस्त पदाधिकारी, तहसील कार्यालय के कर्मचारी, ग्राम दनियाखुर्द के ग्रामीणजन एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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