धर्म-अध्यात्म

सावन का तीसरा सोमवार व्रत क्यों है इतना खास? जानें शिव महापुराण वाला कनेक्शन

कहते हैं कि सावन के महीने में जिसने सच्चे मन से भगवान शिव को याद करके अपनी इच्छा बता दी, उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। वहीं तमाम लोग सावन में सोमवार वाला व्रत रखकर भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं। साल 2025 के सावन के दो सोमवार बीत चुके हैं। अगला और तीसरा सावन सोमवार व्रत 28 जुलाई को है। बता दें कि वेद-पुराणों में भी तीसरे सोमवार व्रत को काफी महत्व दिया गया है। शिव महापुराण में भी इसका जिक्र है। दरअसल मां पार्वती ने शिवजी को पाने के लिए कड़ी तपस्या की थी। उनकी इच्छा के अनुसार ही बाद में शिवजी के साथ उनका विवाह हुआ था। इसके पीछे सोमवार व्रत का बहुत बड़ा रोल माना गया।

सावन महीने के तीसरे सोमवार को मां पार्वती ने विषेश रुप से पूजा की थी और व्रत रखा था। इस दौरान शिवजी उनकी तपस्या को देखकर प्रसन्न हो गए और उन्हें अपनी पत्नी होने का वरदान दिया था। यही वजह है कि सावन का तीसरा सोमवार हर मायने में खास होता है। माना जाता है कि इस खास दिन पर अगर शादीशुदा महिलाएं व्रत रखती हैं तो उन्हें अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है। वहीं कुंवारी लड़कियों को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।

बता दें कि सावन के तीसरे सोमवार के व्रत को लेकर ये मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव से जो भी जो भी मांगा जाए वो तुरंत मिल जाता है। वहीं इस दिन शनि और बुध के साथ-साथ चंद्रमा का भी सकारात्मक प्रभाव रहता है, जिससे कई तरह के योग बनते हैं। इस दिन व्रत रखने से जिंदगी के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और एक-एक करके सारी बाधाएं दूर होती जाती है। वहीं घर में भी सुख-शांति बनी रहती है।

सावन का तीसरा सोमवार हर मायने में खास है। ऐसे में कुंवारी लड़कियों को ये व्रत जरूर रखना चाहिए। इस दिन सच्चे मन से ओम नम: शिवाय का जाप करना चाहिए। शिवलिंग का जलाभिषेक करना ना भूलें। जल में मिश्री मिलाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करने से मन से मांगी गई हर इच्छा पूरी होती है। साथ ही शिवलिंग पर बेलपत्र, सफेद फूल और चावल चढ़ाना चाहिए। शिवलिंग पर ये सारी चीजें चढ़ाते वक्त मन ही मन ओम गौरीशंकराय नम: मंत्र का जाप करते रहें। मन में सिर्फ सकारात्मक बातें ही लेकर आएं। अच्छा सोचें। शाम के समय शिव चालीसा का पाठ करते हुए भगवान शिव के आगे दिया जला दें।

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