BCCI के जिस नियम के खिलाफ थे विराट कोहली, उसके पक्ष में दिखे गौतम गंभीर; दिया ये बयान

नई दिल्ली. टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई के उस नए नियम को सपोर्ट किया है जिसकी आलोचना पिछले दिनों विराट कोहली ने की थी। बीसीसीआई ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 1-3 से मिली करारी शिकस्त के बाद ट्रैवल पॉलिसी में बदलाव किया था। नए नियमों के अनुसार खिलाड़ियों के साथ उनके परिवार को लंबे समय तक रहने की इजाजत नहीं होगी ताकि खिलाड़ी अपना पूरा ध्यान क्रिकेट पर लगा सके। बीसीसीआई द्वारा जनवरी में जारी किए गए नए नियमों के अनुसार, जहां 45 दिनों या उससे अधिक समय तक चलने वाले टूर्नामेंट में परिवारों को दो हफ्तों के लिए खिलाड़ियों के साथ रहने की अनुमति है, वहीं छोटे दौरों में परिवार के ठहरने की सीमा अधिकतम सात दिनों तक सीमित है।
विराट कोहली ने आईपीएल 2025 से पहले बीसीसीआई की इस नई पॉलिसी पर एतराज जताया था। कोहली ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) इनोवेशन लैब इंडियन स्पोर्ट्स समिट में कहा, “यह लोगों को समझाना बहुत मुश्किल है कि हर बार जब बाहर कुछ तीव्र होता है तो अपने परिवार के पास वापस आना कितना ज़मीनी होता है। मुझे नहीं लगता कि लोगों को यह समझ है कि यह किस हद तक कितना मूल्य लाता है। और मैं इसे लेकर काफी निराश महसूस करता हूं क्योंकि यह ऐसा है कि जिन लोगों का चल रही चीजों पर कोई नियंत्रण नहीं है, उन्हें बातचीत में लाया जाता है और सामने रखा जाता है कि ओह, शायद उन्हें दूर रखा जाना चाहिए। यह देखना दिलचस्प होगा कि खिलाड़ियों और टीम प्रबंधन के बीच परिवार के दौरे की सीमा पर यह बहस आगे कैसे बढ़ती है।”
चेतेश्वर पुजारा से बात करते हुए गौतम गंभीर ने अब बीसीसीआई के इस नियम को सपोर्ट किया है और कहा है कि आप टूर पर एक मकसद से जाते हैं ना कि छुट्टी मनाने।
गौतम गंभीर ने कहा, “परिवार जरूरी हैं, लेकिन आपको एक बात समझनी होगी। आप यहां एक मकसद से हैं। यह कोई छुट्टी नहीं है। आप यहां एक बड़े मकसद से हैं। ड्रेसिंग रूम में या इस दौरे में बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जिन्हें देश को गौरवान्वित करने का मौका मिलता है। इसलिए हां, मैं परिवारों के साथ न होने के खिलाफ नहीं हूं।
परिवार का होना जरूरी है, लेकिन अगर आपका ध्यान देश को गौरवान्वित करने पर है और आपकी भूमिका किसी भी अन्य चीज से कहीं बड़ी है, और आप उस लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं, आप उस उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध हैं, तो मुझे लगता है कि बाकी सब ठीक है। लेकिन मेरे लिए, मुझे लगता है कि वह उद्देश्य और वह लक्ष्य किसी भी अन्य चीज़ से ज्यादा महत्वपूर्ण है।”